जब मेरो मोहन चलेगो घुटुरुवन,
तब हों करोंगी बधाई।
सर्वस्व वार देहोंगी,
तिही चीनू मैया कही तुतराई॥१॥
यशोदाको वचन सुनत केशोंप्रभु,
जननी प्रीति जानी अधिकाई।
नंद्सुवन सुख दियो मातको,
अति कृपाल मेरो नंद्लाई॥२॥
तब हों करोंगी बधाई।
सर्वस्व वार देहोंगी,
तिही चीनू मैया कही तुतराई॥१॥
यशोदाको वचन सुनत केशोंप्रभु,
जननी प्रीति जानी अधिकाई।
नंद्सुवन सुख दियो मातको,
अति कृपाल मेरो नंद्लाई॥२॥
No comments:
Post a Comment