लाल गुपाल गुलाल हमारी आंखिन में जिन डारोजू ।
बदन चंद्रमा नैन चकोरी इन अंतर जिन पारोजू ।। १ ।।
गाओ राग बसंत परस्पर अटपटे खेल निवारोजू ।
कुमकुम रंगसों भरी पिचकारी तकि नेनन जिन मारोजू ।। २ ।।
बंक विलोचन दु:ख के मोचन भरिकें दृष्टि निहारोजू ।
नागरी नायक सब सुखदायक कृष्णदास कों तारोजू ।। ३ ।।
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